विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? चलिए जानते है |

विटामिन D हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आपको पता है, विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? नहीं, विटामिन D हमारे शरीर के लिए बहुत ही मत्वपूर्ण है। इसकी कमी के लक्षण छोटे बच्चो और प्रेगनेंट महिलाओ में काफी देखे जाते है।   

आज हम आपको विटामिन D Deficiency यानि विटामिन D की कमी के बारे में बताएँगे विटामिन डी हमारे शरीर के लिए जरुरी Nutrient है। इम्युनिटी बढ़ाने और शरीर को रोगो से दूर रखने के लिए विटामिन D काफी आवश्यक है। 

इसके साथ ही विटामिन D हड्डियों और दाँतो को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए काफी आवश्यक है। विटामिन D शरीर में कैल्सियम को हड्डियों तक पहुंचने का काम करता है। अब आप सोच रहे होंगे की विटामिन D हमारे लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है तो यह हमे कैसे मिलता है, विटामिन D हमें मुफ्त में धुप से मिलता है लेकिन बदलते लाइफस्टाइल के कारण आज लोग घरो के अंदर बंद हो के रह गए है। 

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है चलिए जानते है

रिसर्च से पता चला है की भारत में 70 से 80 प्रतिशत लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे है। कई कारणों से हमें विटामिन D की कमी के बारे में पता नहीं होता जिससे हमे कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। आज हम इस आर्टिकल में आपको विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? और आपको किन किन समस्याओ का सामना करना पड़ता है, उसके बारे में बताएँगे।

विटामिन डी हमारे शरीर के लियो क्यों आवश्यक है?

विटामिन D हमारे शरीर के लिए अत्यंत ही मत्वपूर्ण है यह कैल्शियम और फास्फोरस को हमारे हड्डियों तक पहुंचाने का काम करता है। साथ ही यह हमारे मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है। साथ ही साथ यह मेटाबॉलिक डिसऑर्डर जैसे डाईबेटिस का रिस्क कम करता है। 

विटामिन D के बहुत ज्यादा फायदे है जैसे है Heart से सम्बंधित रोगो को दूर करने में मदद करता है। कई रिसर्च में पाया गया है की यह कैंसर का रिस्क भी कम करता है। विटामिन D एक प्रकार का हार्मोन है जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।

हमारे शरीर में विटामिन D की कमी क्यों हो रही है?

रिसर्च के मुताबिक जो लोग शहरो में रहते है उनमे से 70 से 80 प्रतिशत लोगो में Vitamin D की कमी रहती है। अब आप सोच रहे होंगे की हमारे देश के शहरों में तो अधिक गर्मी पड़ती है और सूर्य का प्रकाश भी अच्छी मात्रा में मिलता है, तो विटामिन डी की कमी कैसे और क्यों होती है? इसके पीछे कुछ कारण हो सकते है। जैसे पहला कारण यह हो सकता है की आप जब धुप में निकलते है तो धुप से बचने के लिए शरीर के ऊपर कपडे लपेट लेते है या छाते का इस्तेमाल करते है या तो फिर आप हद से ज्यादा Suncream का इस्तेमाल करते है।

दूसरा कारण हो सकता है की विटामिन D अधिक मात्रा में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बनती है क्योकि इस टाइम  Ultraviolet B rays का Retio सबसे ज्यादा होता है, यही किरणे विटामिन D बनवाने में मदद करती है। इस वक्त शहरों में लोग अपने ऑफिसों और बच्चे स्कूल के अंदर होते है और बाहर बहुत कम ही निकलते है।

तीसरा सबसे बड़ा कारण हो सकता है की उत्तरी भारत के शहरो जैसे दिल्ही NCR में Air Quality Index बहुत ही ख़राब है। अधिक प्रदूषण के कारण वातावरण के ऊपर एक लेयर बन जाता है और ठंडियों के दिनों में यह लेयर और भी मोटा हो जाता है जिससे Ultraviolet B rays कम मात्रा में हमारे शरीर की कोशिकाओं पर पड़ता है जिससे विटामिन D की कमी हो जाती है।

विटामिन D की कमी के लक्षण और संकेत

डॉक्टरों द्वारा विटामिन D की कमी को दो प्रकार में बता गया है पहला है, Insufficiency (जरूरत से थोड़ा कम) यानि हमारे शरीर में विटामिन D की जितनी मात्रा चाहिए उससे थोड़ा कम विटामिन D की मात्रा होती है इससे हमारे शरीर को कोई ज्यादा खास प्रभाव नहीं पड़ता है। 

दूसरा प्रकार है Deficiency  (जरूरत से ज्यादा कम) जिससे विटामिन D की मात्रा बहुत ही कम हो जाती है, जिससे आपको काफी गंभीर समस्याओ का सामना करना पड़ सकतज है, कभी कभी यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे हड्डिया बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। यहाँ निचे कुछ महत्वपूर्ण विटामिन D की कमी के लक्षण लिखे गए है:-

  • बच्चो में विटामिन D की कमी हो तो हड्डियाँ टेढ़ी हो सकती है।
  • बच्चो के घुटने के गैप में अंतर आ सकता है।
  • शरीर में ज्यादा थकान रहना।
  • अच्छा नहीं लगना।
  • मांसपेसियों में दर्द होना।
  • हड्डियों में दर्द होना।
  • इम्युनिटी का कम होना।

जब हमारे शरीर में विटामिन D की कमी बहुत ज्यादा कमी हो जाती है, और इसकी पूर्ति भोजन और सूर्य के प्रकाश से भी नहीं होती है, जिससे हमारे शरीर की हड्डिया काफी कमजोर हो जाती है। यह इसलिए होता है क्योकि हमारे शरीर को विभिन्न कार्य करने के लिए विटामिन D चाहिए। इसमें से एक कार्य कैल्सियम को स्टोर करना है। 

विटामिन D की कमी से कैल्शियम की भी कमी हो जाती है, और हमारे शरीर के लिए कैल्शियम भी आवश्यक है, इसी लिए हमारा शरीर हड्डियों से कैल्शियम को निकालने लगता है जिससे हड्डिया बहुत ज्याद कमजोर हो जाती है इसे बच्चो में Rickets और बड़ो में Osteoporosis कहते है।

विटामिन D की कमी का बच्चो पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

  • विटामिन D की कमी का बच्चो पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है जो निचे लिखे हुए है:-
  • विटामिन D बोन के ग्रोथ प्लेट में मिनरलाइज़ेशन करने का कम करती है जो बच्चो की हाइट बढ़ाने में काफी मदद करती है। इसकी कमी से हड्डिया कमजोर हो सकती है।
  • यह देखा गया है की गर्भावस्था में यदि उनकी माता में यदि विडामिन डी की कमी हो जाए तो पैदा होने वाले बच्चे पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाते है।
  • विटामिन D की कमी से बच्चो की हाइट दब जाती है। 
  • बच्चो में यदि विटामिन D  की कमी हो जाए तो उनके चलना सीखने में काफी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है, और कभी-कभी जिससे बच्चे सीधे नहीं चल पाते। 
  • घुटनो को सीधा करने पर वो आपस में जुड़ जाती है, कभी कभी घुटने सीधा करने पर वो दूर हो जाती है। 
  • मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर हो सकते है।

विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? चलिए जानते है |

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये हमारे हड्डियों को मजबूत रखने के साथ और बहुत से काम करता है जिस कारण हम स्वस्थ रहे है क्या आपने सोचा है, की अगर इसकी कमी हो जाये तो हमारे शरीर में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। इसका हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है कुछ विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग नीचे लिखे है:-

Rickets (रिकेट्स)

यह एक ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डिया नरम और भंगुर हो जाती है, जिससे हड्डिया टेढ़ी हो जाती है। इस बीमारी से कलाई का चौड़ा होना, हड्डी का टूटना, मांसपेसियों का कमजोर होना और साथ ही साथ पेल्विस में दर्द होना अदि लक्षण दिखाई देते है, जिससे बच्चो का विकास रुक जाता है। 

जब शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है, तो हमारा शरीर आंत से कैल्शियम और फास्फोरस का अवशोषण नहीं कर पता जिसकी कमी को पूरा करने के लिए शरीर हड्डियों से कैल्शियम की पूर्ति करता है और हड्डिया कमजोर हो जाती है इसी कारण से Rickets होता है।

Osteomalacia (अस्थिमृदुता)

छोटो बच्चो में Rickets (रिकेट्स) कहते है जब यही रोग बड़ो में होता है तो उसे Osteomalacia कहते है।

Osteoporosis(ऑस्टेपोरेसिस)

ऑस्टेपोरेसिस यह एक प्रकार की बीमारी है, जिसमे हड्डियों में बोन सेल की कमी हो जाती है जिससे हड्डिया खोखले और बहुत ही कमजोर हो जाते है। यह बढ़ती उम्र के साथ  होता है।

कई डॉक्टरों का मानना है की ऑस्टेपोरेसिस कैल्शियम की कमी के कारण नहीं होता है। जिस प्रकार दिवाल ईटो से बना होता है, यदि दीवाल से कई ईटे निकल ले जिससे दीवाल भी न गिरी तो दीवाल बहुत कमजोर हो सकता है, यदि दिवार को थोड़ा सा भी धक्का दे तो वह आसानी से गिर सकती है। उसी प्रका हड्डियों में बोन सेल की कमी से हड्डिया काफी कमजोर हो जाती है।

चलने में दिक्क्त होना

विटामिन D की कमी से हड्डिया काफी कमजोर हो जाती है, जिससे लोगो के चलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है कभी कभी लोग चलते चलते गिर भी जाते है।

हड्डियों के टूटने का खतरा

विटामिन D की कमी से हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हड्डिया कमजोर हो जाती है और हड्डियों के टूटने खतरा बना रहता है।

कैंसर बढ़ सकता है

कई रिसर्च से पता चला है की कैंसर को कम करने में सहायक हो सकती है, यैसा देखा गया है की जिन लोगो को कैंसर है, और उनमे विटैमिन D की कमी हो तो इसके फैलने का खतरा बढ़ सकता है। महिलाओ में ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषो में प्रोटेस्ट कैंसर बढ़ने का खतरा रहता है।

Multiple Sclerosis (मल्टीपल स्क्लेरोसिस)

30 मई को World Multiple Sclerosis Day मनाया जाता है। इस बीमारी में ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड नर्व फाइबर होते है इसके ऊपर एक कवर होता है जिसे माइलिन कहते है, ऑटो इम्यून प्रोसेस से (स्वप्रतिरक्षी रोग) से माइलिन कवर छतिग्रस्त हो जाती है। 

इस बीमारी की वजह से एक आँख से अच्छे से न दिखाना, शब्दों के खराब उच्चारण, डबल विजन, दोनों पैरो में कमजोरी होना इसके लक्षण है।  महिलाओ ये अधिक देखा जाता है। विटामिन डी ऑटो इम्यून से बचते है।

Diabetes (मधुमेह)

Diabetes एक प्रकार की ऐसी बीमारी है जिसमे हमारे शरीर के रक्त में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है, और इस परिस्थिति को हाइपरग्लाइसिमिया कहते है। इसे इन्सुलिन हार्मोन नियंत्रित करता है। लेकिन जब विटामिन D की कमी हो जाती है तो इन्सुलिन का निर्माण नहीं हो पता जिससे Diabetes बढ़ जाती है।

रोगो से लड़ने की क्षमता कम होना

विटामिन डी की कमी से रोगो से लड़ने की क्षमता  भी कम हो सकती है।

Muscle Contraction (पेशी संकुचन)

विटामिन D की कमी से हमारे खून में कैल्शियम की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से Muscle Cramps (मांसपेशियों में ऐंठन) भी हो सकता है क्योकि कैल्शियम का मांसपेसियों में Contraction and Relaxation (मांसपेशियों का संकुचन और विश्राम) का एक बड़ी भूमिका हैं।

ब्लड प्रेसर की समस्या

यदि आपको ब्लड प्रेसर की समस्या है तो इसकी मुख्य वजह विटामिन D और विटामिन K के कमी के कारण कैल्शियम का खून की नालिओं में जमा हो जाना हो सकता है।

बालो और त्वचा पर प्रभाव

बालो की ग्रोथ में विटामिन D का भी हाथ होता है। कई बार ऑटो इम्यून डिसीस के कारण गंजे पैन की भी समस्या आ सकती है।

इसके अलावा विटामिन D की कमी से मूड का अच्छा न रहन, भूलने की बीमारी, ब्लड प्रेसर का बढ़ाना  विटामिन डी की कमी का असर दातो और मसूड़ों पर भी पड़ता है। कई बार आपने देखा होगा कई लोग पीठ झुककर चलते है उसके पीछे विटामिन डी भी हो सकती है।

बच्चो में अस्थमा की समस्या विटामिन डी के सेवन से ठीक की जा सकती है। इसके आलावा फेफड़े के इन्फेक्शन जैसे निमोनिया ब्रॉंकइटिस इसके विटामिन D काफी मददगार हो सकता है।

विटामिन डी कहाँ से मिलता है?

हमें विटामिन D की 80 पूर्ति सूर्य के प्रकाश से मिलता है इसके आलावा मशरूम, योगहर्ट, दूध, हरी सब्जिओ से विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है।

विटामिन डी का लेवल कितना होना चाहिए ?

विटामिन डी का लेवल कितना निचे दिया गया है:-

  • नार्मल लेवल = 30 नैनोग्राम / ml से 100 नैनोग्राम / ml 
  • Insufficiency = 30 नैनोग्राम / ml से कम 
  •  Deficiency = 20 नैनोग्राम / ml से कम

इसे भी पढ़े :- विटामिन D का खजाना छुपा है इन फलों में

FAQ

Q.1विटामिन डी की कमी से होने वाला रोग कौन सा है?

विटामिन D की कमी से अनेक बीमारिया होती है लेकिन इनमे से रिकेट्स सबसे मुख्य है।

Q.2विटामिन डी की कमी कितने दिन में पूरी होती है?

विटामिन डी की कमी पूरी होने में कम से कम 3 से 5 महीने लग सकते है। लेकिन ध्यान दे अगर आप विटामिन डी की दवा का सेवन कर रहे है तो हप्ते में ाक बार ही करे इसका सेवन अधिक न करे नहीं तो ये आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है।

रिसोर्स:- इस आर्टिकल को लिखने में बहुत ज्यादा मेहनत की गयी है। हर तथ्यों की पुस्टि के लिए विभिन्न जगहों से जानकारिया जुटाई गयी है। यहाँ कुछ रिसोर्स के लिंक निचे दिए गए है:-

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3356951/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8074587/

https://www.medicalnewstoday.com/articles/161618

https://www.nature.com/articles/s41430-020-0558-y

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