अंडकोष खराब होने के लक्षण : कैसे बचे ! 10 नियम जिसे अपनाने से कभी नहीं आएंगे ये लक्षण

अंडकोष खराब होने के लक्षण :- अंडकोष हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। इसीलिए इसका महत्व हमारे जीवन में अत्यधिक है। इसीलिए अंडकोष से सम्बंधित समस्याओं को पहचानना और उनका समाधान अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि हम स्वस्थ और सुखमय जीवन जी सकें।

वृषणकोष (वृषण को घेरने और उनकी सुरक्षा करने वाली ऊपरी थैली) में दर्द नवजात शिशुओं से लेकर बड़े पुरुषों तक किसी भी उम्र के पुरुषों में हो सकता है। अंडकोष बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए हो सकता है कि हल्की-सी चोटों से भी दर्द या तकलीफ़ हो।

अंडकोष शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो वीर्य उत्पन्न करने में मदद करता है। इसलिए, अगर यह खराब हो जाता है, तो कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • एपिडिडिमिस की सूजन
  • बीमारियों की वृद्धि
  • वृषण में मरोड़
  • दर्द या तनाव
  • दर्द या दुखन
  • पेट में दर्द
  • सूजन
  • नपुंसकता का खतरा
  • पेशाब में समस्या

ये तो बहुत आम बात हो सकती है और इन्हे दवाओं द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है लेकिन वृषण कैंसर, जिसे अंडकोष के कैंसर या टेस्टिकुलर कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, ये बहुत ही घातक हो सकता है। यह एक बहुत दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। वृषण कैंसर के लक्षण या अंडकोष में कैंसर के लक्षण पुरुषों में ही पाए जाते हैं।

आपको ऊपर यहाँ लिखे शब्दों को पढ़कर यह समझ आ गया होगा कि अंडकोष हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, और साथ ही ये बहुत संवेदनशील होता है। इसलिए, शुरुआती दौर में लक्षणों को देखकर इसका इलाज डॉक्टर से करना आपके लिए अच्छा हो सकता है। यदि शुरुआती दौर में इन लक्षणों को आप अनदेखा करेंगे, तो ये समस्या बहुत बढ़ सकती है।

इस आर्टिकल में हम अंडकोष खराब होने के लक्षणों पर चर्चा करेंगे और साथ ही साथ शुरुआती लक्षणों को देखकर उनके समाधान के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इस आर्टिकल को पढ़कर आपके बहुत से भ्रम दूर होंगे जो आपके मन में हो सकते हैं।

अंडकोष खराब होने के लक्षण | शुरुवाती 14 लक्षण

अंडकोष के खराब होने के शुरुआती लक्षणों को पहचानना हमारे स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे तब आसानी से ठीक किया जा सकता है। ये लक्षण हमें सूचित करते हैं कि हमारे शरीर में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

अंडकोष खराब होने के लक्षण

इनमें से पहला लक्षण है अंडकोष में सूजन और दर्द का महसूस होना, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दूसरे लक्षण में नपुंसकता या वीर्य में कमी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, अंडकोष में आकार में परिवर्तन, पेशाब करते समय तकलीफ और पेशाब में रक्त आना भी इन लक्षणों में शामिल हैं।

इन शुरुआती संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए। चलिए जानते हैं अंडकोष खराब होने के शुरुआती लक्षण:-

नपुंसकता

शुक्राणु उत्पादन में कमी: अंडकोष पुरुष प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे शुक्राणु और टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। यदि अंडकोष खराब हो जाते हैं, तो वे कम शुक्राणु का उत्पादन करते हैं, साथ ही साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में भी कमी होती है।

टेस्टोस्टेरोन एक पुरुष हार्मोन है जो यौन इच्छा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंडकोष खराब होने से शुक्राणु और टेस्टोस्टेरोन दोनों का उत्पादन कम हो जाता है। इसके साथ ही, अंडकोष को रक्त की आपूर्ति यौन क्रिया के लिए आवश्यक है। यदि अंडकोष में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, तो यह नपुंसकता का कारण बन सकता है।

अंडकोष में सूजन या गाँठ महसूस करना

अंडकोष में सूजन या गाँठ महसूस होना पुरुषों के लिए एक चिंता का कारण हो सकता है। यह अंडकोष खराब होने के शुरुवाती लक्षण हो सकते हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

यह स्थिति आमतौर पर संक्रमणों (जैसे एपिडिडिमाइटिस और ऑर्काइटिस), ट्यूमर (अंडकोष में गांठ सौम्य या घातक ट्यूमर का संकेत हो सकती है), हाइड्रोसेले (हाइड्रोसेले एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडकोष के चारों ओर तरल पदार्थ जमा हो जाता है), मरोड़ (एक गंभीर स्थिति है जिसमें अंडकोष में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है) के कारणों से हो सकती है।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें, ताकि समस्या का सही समाधान हो सके और आप स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रख सकें।

अंडकोष में असुविधा या दर्द

अंडकोष में दर्द कई कारणों से हो सकता है, जिससे अंडकोष खराब होना एक मुख्य कारण हो सकता है। अंडकोष में दर्द मुख्य रूप से अंडकोष में सूजन, अंडकोष में इंफेक्शन, अंडकोष में किसी प्रकार की चोट, इंगुइनल हर्निया (इंगुइनल हर्निया के कारण भी अंडकोष में दर्द हो सकता है) हो सकता है।

इन कारणों के अलावा भी कई अन्य संभावित कारण हो सकते हैं जो अंडकोष खराब होने के लक्षण प्रकट करते हैं। अगर आपको अंडकोष में दर्द है, तो सबसे अच्छा होगा कि आप किसी एक डॉक्टर से संपर्क करें।

वृषण के आकार में बदलाव महसूस करना

अंडकोष के आकार में वृद्धि हो रही है और एक अंडकोष दूसरे से अधिक बड़ा हो रहा है, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। इसमें शुक्राणु उत्पादन और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

वृषण के आकार में परिवर्तन भी शामिल हो सकता है। दर्द, सूजन, चोट या इंफेक्शन के कारण अंडकोष में खराबी होने पर वृषण की स्वाभाविक रूप से होती जा रही क्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं।

वृषण में हाइड्रोसील (लिक्विड का जमना)

अंडकोष खराब होने के लक्षण में हाइड्रोसील भी एक ऐसी स्थिति है जिसमें वृषण थैली के चारों ओर द्रव जमा हो जाता है। यह आमतौर पर दर्द रहित होता है, लेकिन कभी-कभी सूजन और भारीपन भी महसूस होता है।

हाइड्रोसील के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे – जन्मजात विकृति, चोट, संक्रमण, सूजन, इंगुइनल हर्निया के कारण। यदि आपको लगता है कि आपके वृषण में हाइड्रोसील हो गया है, तो ये अंडकोष खराब होने के सुरुवाती लक्षण हो सकते हैं। इससे बचने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

पीठ में दर्द रहना

अंडकोष खराब होने के लक्षणों में पीठ में दर्द होना सामान्य हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर अंडकोष क्षेत्र की खराबी से होता है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। अंडकोष में सूजन, गुदा से जुड़े लक्षण, या वृषण में वृद्धि के साथ-साथ पीठ में दर्द भी हो सकता है। यदि ये लक्षण आपमें हो रहे हैं, तो आपको जल्दी से जल्दी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

दर्द या तनाव

अंडकोष में सूजन के कारण दर्द और तनाव हो सकता है। ब्लॉकेज, संक्रमण, या अन्य कारणों से भी सूजन हो सकती है। यदि आप अंडकोषों में दर्द और तनाव का अनुभव करते हैं, तो इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। अन्यथा, यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

अंडकोष का बढ़ जाना या छोटा हो जाना

यदि किसी व्यक्ति के अंडकोष का आकार बढ़ जाता है या अंडकोष छोटा हो जाता है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें अंडकोष में संक्रमण, वृद्धि, या बीमारी शामिल हो सकती है। इसके साथ ही, अंडकोष के बढ़ जाने का कारण हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है। अंडकोष का छोटा हो जाना भी एक गंभीर समस्या हो सकती है, क्योंकि यह शुक्राणु उत्पन्न करने में समस्या या प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

यदि आपके शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको समझ लेना चाहिए कि ये अंडकोष खराब होने के लक्षण हो सकते हैं। आगे चलकर ये समस्या और न बढ़े, इसके लिए आपको डॉक्टरों की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

उच्च तापमान और बुखार

जब अंडकोष खराब होते हैं, तो यह शरीर के तापमान में वृद्धि और बुखार की समस्या पैदा कर सकता है। यदि बुखार लंबे समय तक रहता है और उसके साथ ही तापमान तेजी से बढ़ता है, और इसका कारण पता नहीं चलता है, तो इसके पीछे अंडकोष खराब होने का कारण हो सकता है।

इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस मामले में, व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। चिकित्सक द्वारा विशेषज्ञ निरीक्षण के बाद, उचित उपचार की सलाह दी जा सकती है, जिससे समस्या को समय पर ठीक किया जा सके।

पेट में दर्द

अंडकोष की समस्याएं पेट दर्द के कई कारणों में से एक हो सकती हैं। जब यह समस्या होती है, तो पेट में अचानक या धीरे-धीरे दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी बाएं और कभी-कभी दाएं पेट में हो सकता है। यह दर्द हल्का या अधिक गंभीर भी हो सकता है। इसके साथ ही, सूजन जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। ये लक्षण अंडकोष खराब होने के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

बीमारियों की वृद्धि

अंडकोष खराब होने के लक्षण सामान्य या असामान्य हो सकते हैं। आम आदमी द्वारा इन लक्षणों को पहचानना आसान नहीं होता है। केवल डॉक्टर ही इन लक्षणों को पहचान सकते हैं। अंडकोष खराब होने के कारण हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जिसके कारण हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।

सीमेन का पतलापन

जब अंडकोष खराब होते हैं, तो एक सामान्य लक्षण वीर्य (सीमेन) का पतलापन हो सकता है। इसका मतलब है कि सीमेन सामान्य से कम या पतला होता है। यह एक सामान्य अवस्था नहीं है और इसके पीछे अंडकोषों की समस्या हो सकती है। अंडकोष की समस्या के कारण सीमेन का पतलापन हो सकता है, और इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

इसलिए, यदि किसी को सीमेन का पतलापन महसूस होता है, तो उन्हें तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

पेशाब में जलन एवं दर्द

अंडकोष खराब होने के लक्षणों में पेशाब में जलन और दर्द शामिल हो सकते हैं। यह आमतौर पर एक अंडकोष समस्या का संकेत होता है, जो किसी शारीरिक समस्या की निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है। जलन और दर्द के अलावा, अंडकोष खराब होने पर अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे कि सूजन, गांठ, या अधिक तापमान। ये लक्षण आगे चलकर Testicular Cancer का रूप ले सकते हैं।

इसलिए, यदि किसी को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए ताकि सही निदान और उपचार किया जा सके।

पेशाब न रुकना

अंडकोष खराब होने के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब न रुकना, या यूरिन लीकेज की समस्या हो सकती है। यह सामान्य रूप से अंडकोष संबंधी समस्याओं के लक्षण होते हैं।

हमने आपको अंडकोष खराब होने के लक्षणों के बारे में बताया है। इनमें से कुछ लक्षण किसी अन्य बीमारी या समस्या के कारण हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यदि आपको ऐसे लक्षण दिखें, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

आपने अंडकोष खराब होने के लक्षण जान लिए हैं। अब आपको यह पता होना चाहिए कि इसे कैसे ठीक करें या इस समस्या से कैसे बचें। योग और सही खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है। इससे पहले जान लेते हैं कि अंडकोष खराब होने के क्या-क्या कारण होते हैं।

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अंडकोष खराब होने के कारण

  • टेस्टिकुलर कैंसर: अंडकोष में असामान्य कोशिकाओं का असामान्य वृद्धि होने से टेस्टिकुलर कैंसर हो सकता है।
  • हाइड्रोसिल: अंडकोष के चारों ओर तरल पदार्थ के जमाव होने के कारण हाइड्रोसिल होता है।
  • इंकिनल हर्निया: आंत का ऊपरी भाग कमजोर मांसपेशियों के माध्यम से बाहर निकलना।
  • एपिडीडिमिटिस: शुक्राणु को ले जाने वाली ट्यूब में सूजन होना।
  • ऑर्काइटिस: अंडकोष में सूजन होना।
  • टेस्टिस का मरोड़: अंडकोष की रक्त वाहिकाओं का मरोड़ होना।
  • वैरिकोसेल: अंडकोष की नसों का असामान्य रूप से फैल जाना।
  • टेस्टिकुलर आघात: अंडकोष में चोट लगना।
  • संक्रमण: बैक्टीरिया या वायरस के कारण संक्रमण होना।
  • दवाओं के दुष्प्रभाव: कुछ दवाओं के प्रयोग से अंडकोष समस्याएँ होना।
  • हस्तमैथुन : अत्यधिक हस्तमैथुन से अंडकोष कमजोर हो जाता है।

इन्ही कारणों से अंडकोष खराब होता है और इनमें से कुछ समस्याएं मैंने अपने रियल लाइफ में फेस कर चुका हूँ। अभी मेरी उम्र 21 वर्ष है और मैं मेल हूँ। मैं जब 15 साल का था तब से हस्तमैथुन करने लगा था। दिन में कभी-कभी 4 से 5 बार करता था, जिससे कुछ महीने बाद ही मेरे शीघ्र वीर्यपात होने लगा और साथ ही साथ अंडकोष में बहुत दर्द होता था।

जब भी मैं हस्तमैथुन करता था, तो तुरंत ही अंडकोष में भयंकर दर्द होता था। शरीर बहुत ही कमजोर हो गया था, नसें भी कमजोर हो गई थीं, खून में RBC की मात्रा भी कम हो गई थी। धूप में ज्यादा देर तक खड़ा रहने से चक्कर आने लगे थे।

मेहनत का काम करने पर मसल्स में भयंकर पैन होता था। शरीर कला पड़ गया था, साथ ही होंठ भी काले हो गए थे। इसीलिए मैंने ब्रह्मचर्य का पालन शुरू किया, जिससे ये समस्याएँ धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं।

अंडकोष खराब होने पर क्या करें? जानिए यहाँ

जब अंडकोष में किसी प्रकार की समस्या होती है, तो व्यक्ति चिंतित होता है और गूगल पर सही उपायों की तलाश करता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि अंडकोष के खराब होने से कैसे बचा जाए और यदि आपको अंडकोष में दर्द महसूस हो तो आप अपनी दिनचर्या में बदलाव करके इसे कैसे ठीक कर सकते हैं।**

अंडकोष में समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और सही उपचार का सुझाव देंगे। यह उपचार दवाओं, सर्जरी या अन्य चिकित्सा उपायों में शामिल हो सकता है। यदि आप सर्जरी से बचना चाहते हैं, तो आप डॉक्टर के उपचार के साथ-साथ अपने खानपान और दिनचर्या में बदलाव करके भी अपने अंडकोष को ठीक कर सकते हैं।

तो चलिए जानते हैं कि हम कैसे व्यायाम करके, स्वस्थ आहार खाकर, और धूम्रपान और गलत आदतों को छोड़कर अपने अंडकोष को कैसे ठीक कर सकते हैं।

योगासन से ठीक करें अंडकोष की समस्याएं: जानें कैसे

अंडकोष पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके बिना बच्चे पैदा नहीं किए जा सकते। अंडकोष शुक्राणु का उत्पादन करते हैं और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन रिलीज करते हैं। अंडकोष कई कारणों से प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, चोट और ट्यूमर शामिल हो सकते हैं।

योगासन अंडकोष की समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपचार हो सकता है। योगासन अंडकोष और लिंग में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने, अंडकोष में तनाव को कम करने और शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यहाँ कुछ योगासन दिए गए हैं जो आपके लिए लाभकारी होंगे:

वज्रासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पाचन में सुधार करने के साथ-साथ अंडकोष में रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाता है।


पश्चिमोत्तानासन: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित योगाभ्यास, जिसमें पश्चिमोत्तानासन भी शामिल है, प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।


शलभासन: यह अंडकोष में रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाने के साथ-साथ लिंग को मजबूत बनाने का कार्य करता है।
भुजंगासन: अंडकोष के लिए लाभदायक होता है।


धनुरासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। इस योगासन से लिंग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।


बद्धकोणासन: मूत्राशय, गुर्दे, प्रोस्टेट ग्रंथि और पेट के अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।


सेतु बंधासन: इस योगाभ्यास से शरीर ऊर्जावान हो जाता है, जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं।

अंडकोष को स्वस्थ रखें: पुरुषों के लिए सर्वश्रेष्ठ भोजन कौन से हैं?

अंडकोष पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये अंग शुक्राणुओं के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाते हैं, जो पुरुष जीवन के लिए आवश्यक हैं। इन अंडकोषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का भी उत्पादन होता है, जो पुरुषत्व को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

अंडकोषों की सही देखभाल के लिए सही भोजन का सेवन करना अनिवार्य है। अंडकोषों की सही देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है ताकि शुक्राणुओं का सही उत्पादन होता रहे और पुरुष स्वास्थ्य को कोई भी समस्या न हो। यहां आपको कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है जिनसे आपके अंडकोष स्वस्थ रहेंगे।

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