पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज : 5 घरेलू नुस्खे जो आपको स्वस्थ्य और सफेद दांत दिलाएंगे।

इस लेख में हमने आपको पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें, इसके बारे में जानकारी दी है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जो घरों से दूर हॉस्टलों में रहकर पढ़ाई करते हैं।

उनको ज्यादा समय नहीं मिलता और सभी काम खुद से करना पड़ता है, जिससे परेशान होकर वे साफ-सफाई में ध्यान नहीं देते और ब्रश भी नहीं करते। इससे उनको पायरिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। खासकर यह समस्या लड़कों में ज्यादा देखने को मिलती है।

इसके अलावा, यह समस्या उन लोगों में भी दिखाई देती है जिनके शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है। आनुवंशिक रूप से भी यह समस्या देखी जाती है और यह समस्या मधुमेह के मरीजों में भी अधिक देखी जाती है।

पायरिया क्या है ?

पायरिया, जिसे मेडिकल टर्म (डॉक्टरों द्वारा) में पीरियोडोंटाइटिस (Periodontitis) कहा जाता है, मसूड़ों की एक गंभीर सूजन वाली अवस्था है। मेडिकल टर्म में “टाइटिस” का मतलब सूजन होता है, इसलिए पायरिया होने पर मसूड़े सूज जाते हैं।

यह रोग हमारे दांतों को सपोर्ट देने वाली हड्डियों को क्षतिग्रस्त करता है, जो दांतों को एक स्थान पर बनाए रखने में मदद करती हैं। हड्डियों की क्षति के कारण, मसूड़े कमजोर हो जाते हैं और दांत ढीले होने लगते हैं। यह रोग पायरिया कहलाता है।

पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज जानने से पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि पायरिया क्यों और कैसे होता है, और इसके कितने चरण होते हैं।

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पायरिया क्यों और कैसे होता है

पायरिया क्यों और कैसे होता है
पायरिया क्यों और कैसे होता है

जब आप अपने दांतों का ख्याल अच्छे से नहीं रखते और न ही ब्रश करते हैं, तो आपके दांतों में धीरे-धीरे खराबी आने लगती है। यहीं से आपके दांतों के खराब होने की शुरुआत होती है। इस चरण को हम पांच चरणों में बाँट सकते हैं।

1.Gingivitis (मसूड़े की सूजन)

जब आप अपने दांतों की सफाई नहीं करते हैं, तो आपके मसूड़े सूजने लगते हैं, खून आने लगता है और हल्का दर्द होता है। इस चरण को मसूड़ों की सूजन या Gingivitis कहा जाता है।

यदि आप इस चरण में दांतों का ध्यान अच्छे से रखने लगते हैं, तो आपके दांतों के ठीक होने की संभावना बहुत अधिक होती है।

2.Periodontitis (पीरियोडोंटाइटिस)

जब आप अपने दांतों का Gingivitis चरण में ध्यान नहीं रखते हैं, तो यह समस्या और बढ़ जाती है और इस चरण को Periodontitis (पीरियोडोंटाइटिस) कहते हैं।

इस चरण में मसूड़ों में स्वेलिंग (सूजन) होने लगती है, जिसके कारण मसूड़े सूजकर गहरे लाल हो जाते हैं और जब आप ब्रश करते हैं तो खून निकलता है, और दिन प्रतिदिन यह समस्या बढ़ती चली जाती है।

3.Plaque(प्लाक)

आपका शरीर आपको बार-बार संकेत देने की कोशिश करता है कि आपके दांत धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं और यह समस्या और भी बढ़ सकती है। फिर भी यदि आप ध्यान नहीं देते हैं, तो दांत खराब होने का तीसरा चरण शुरू होता है जिसे हम Plaque(प्लाक) के नाम से जानते हैं।

जब हम दांतों की सफाई और ब्रश नहीं करते हैं या ऐसा कुछ खाते हैं जो दांतों में फंस जाते हैं, तो हमारे दांतों पर एक परत जम जाती है जिसे Plaque(प्लाक) कहते हैं। इसके कारण दुर्गंध और भी बढ़ जाती है। परत के कारण दांतों का रंग हल्का परिवर्तित हो जाता है और इसके साथ ही दांतों में दर्द भी तीव्र हो जाती है।

4.Calculus(कैलकुलस)

आपका शरीर बार-बार संकेत दे रहा है, कि आपके दांत धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। कुछ करें। फिर भी आप ध्यान नहीं देते। इसके कई कारण हो सकते हैं: आपके पास पैसे नहीं हो, या आपको पता नहीं हो कि यह समस्या और बढ़ सकती है।

जब भी आपको अपने शरीर में कुछ ऐसे बदलाव दिखें जो सामान्य न हों, तो आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यदि आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आप सरकारी अस्पताल भी जा सकते हैं। इससे आपको कम से कम यह तो पता चल जाएगा कि आपको क्या समस्या है और इसे कैसे ठीक कर सकते हैं। इसके बाद आप नियमों का पालन करें, सब ठीक होगा।

तो चलिए हम अपने विषय पर वापस आते हैं। जब आप Plaque(प्लाक) चरण में भी ध्यान नहीं देते है। तो जो दांतों के ऊपर परत जमा होता है वह और भी ठोस हो जाता है और इस चरण को हम कैलकुलस कहते हैं। परत कठोर होने के कारण आपके दांत अंदर से कमजोर होने लगते हैं और दांत हिलने भी शुरू हो जाते हैं।

5.Periodontitis(पीरियोडोंटाइटिस)

जब हम गणित चरण में भी ध्यान नहीं देते हैं, तो यह चरण माढ़ों की बीमारी में बदल जाता है, जो कि अंतिम चरण है और इसे आम भाषा में पायरिया के नाम से जाना जाता है। इस अवस्था में बहुत से संकेत दिखाई देते हैं, जो नीचे लिखे गए हैं:-

  • दांतों और जबड़ों से तीव्र दुर्गंध आने लगती है।
  • मसूड़ों से मवाद निकलती है, जिससे दुर्गंध और भी बढ़ जाती है।
  • मसूड़ों को छूने या ब्रश करने पर दर्द होता है।
  • मसूड़ों में सूजन के साथ जलन भी होती है।
  • खाना खाने पर या कुछ ऐसा जो कठोर हो खाने पर दर्द होता है।
  • हड्डी का क्षय होने लगता है, जिसके कारण दांत दुर्बल पड़ जाते हैं। यदि इसे आपने गंभीरता से नहीं लिया तो दाँत निकलवाने की स्थिति पैदा हो सकती है।

पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज । दांतों को कैसे स्वस्थ रखें?

आपने अब तक यह जान लिया है कि पायरिया क्या होता है, यह कैसे होता है और इसके बुरे प्रभाव क्या-क्या हैं। आप मन में ही सोच रहे होंगे कि यह तो बहुत ही खतरनाक और दर्दनाक बीमारी के सामान है।

पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज
पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज 5 घरेलू नुस्खे जो आपको स्वस्थ्य और सफेद दांत दिलाएंगे।

चिंता न करें, आप इससे निजात पा सकते हैं। केवल आपको कुछ नियमों का पालन करना है। उसके बाद हम आपको पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज बताएँगे, जिससे आप अपने दाँतों को स्वस्थ रख पाएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

दांतों को स्वस्थ रखने के नियम

आप निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं जो नीचे लिखे गए हैं:

  • प्रतिदिन अपने दातों को ब्रश करें।
  • अपने दातों को लकड़ी से न खोदें।
  • अपने मसूड़ों को ऊँगली से बार-बार न छूएं।
  • यदि आपके दाँत कमजोर हैं तो कठोर खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें।
  • माउथ फ्रेशनर का उपयोग बिलकुल भी न करें।
  • खाना खाने के बाद पानी से कुल्ला जरूर करें।
  • रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें।
  • तम्बाकू और गुटका का सेवन बिलकुल भी न करें।
  • अत्यधिक मीठी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। यदि करते हैं तो तुरंत पानी से कुल्ला जरूर करें।
  • जब आप शौच करने जाएं या ऐसे जगह जाएं जहाँ संक्रमण पैलने का खतरा हो, तो वाला मुख बंद करके रखें। नहीं तो संक्रमण और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

यदि आप ऊपर बताए गए 10 नियमों का पालन करते हैं तो आपको पायरिया होने की संभावना बिल्कुल नहीं रहेगी। यदि आपको पायरिया हो चुका है तो आप नीचे दी गई आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नुस्खों का उपयोग करके अपने दांतों को ठीक कर सकते हैं।

पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज

जब भी आयुर्वेद का नाम आता है तो लोग सोचते हैं कि इसकी दवा बहुत धीरे काम करती है। इसलिए वे अपना दर्द कम करने के लिए अन्य दवाओं का उपयोग करते हैं। मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं।

मैं गवर्नमेंट कॉलेज से डिप्लोमा इन एनिमल हसबैंड्री कर रहा हूं। जब मेरी इंटर्नशिप गवर्नमेंट हॉस्पिटल में लगी थी तो वहां के एक सर थे जो कहते थे कि यदि जरूरत न हो तो दवा या इंजेक्शन न लगवाओ। इसका असर तो तुरंत दिखाई देगा, लेकिन 3 से 4 साल बाद इसके साइड इफेक्ट्स दिखेंगे।

आप यह न समझें कि यह तो सिर्फ जानवरों में होता है। नहीं, यह हमारे शरीर में भी होता है। इसलिए हमें ज्यादा दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

इसके बजाय, हम आपको आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बताएंगे जो आपके दर्द और पीड़ा को ठीक कर आपके दांतों को स्वस्थ रखेंगी। आपके मन में चल रहा होगा कि क्या आयुर्वेदिक दवाओं को खाने से या उसमें बताई गई सामग्रियों को खाने से क्या आपका दांत ठीक हो सकता है? तो चलिए सबसे पहले आपको इसके काम करने के पीछे का वैज्ञानिक कारण बताते हैं।

अधिकांश दवाएं तीन रूपों में काम करती हैं:-

  • जब हमारे शरीर में विटामिन और खनिजों की कमी हो जाती है तो उनके अभाव में हमारा शरीर अच्छे से काम नहीं कर पाता है। यदि हम इनकी पूर्ति कर देते हैं तो ये समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसीलिए आपको डॉक्टरों द्वारा विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • कुछ समस्याएं बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण होती हैं। इस स्थिति में, यदि संक्रमण को खत्म करने वाली दवाएं दी जाती हैं, तो संक्रमण नहीं फैलेगा और बीमारी ठीक हो जाएगी। इसका एक सामान्य उदाहरण नीम की पत्ती है, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायक होती है।
  • कभी-कभी हमारे शरीर में जहरीली चीजें इकट्ठी हो जाती हैं। यदि इन्हें बाहर निकाल दिया जाए तो समस्या ठीक हो सकती है। इसलिए इस परिस्थिति में ऐसी दवाओं का उपयोग किया जाता है जो जहरीली सामग्री को शरीर से बाहर निकाल सकें। इसका एक सामान्य उदाहरण है यूरिक एसिड। जब यह शरीर में एक जगह अधिक इकट्ठा हो जाता है तो तेज पीड़ा होती है। इससे बचने के लिए ऐसी दवाओं का उपयोग किया जाता है जो इसे बाहर निकाल दें। इसकी मात्रा कम होने पर आपका दर्द कम हो जाता है।
पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज
पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज

यह पढ़ने में आपको बहुत आसान लग रही होगी, लेकिन यह बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। अब हम अपने विषय पर वापस आते हैं और कुछ ऐसी औषधियों के बारे में जानते हैं जो पायरिया का इलाज कर सकती हैं और दांतों को ठीक कर सकती हैं।

1.लौंग का सेवन

लौंग में तीन गुण पाए जाते हैं। पहला गुण एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो मसूड़ों की सूजन को कम करने में मददगार होता है। दूसरा गुण एंटी-बैक्टीरियल है, जो पायरिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद कर सकता है। तीसरा गुण एनाल्जेसिक है, जो दर्द निवारक का कार्य करता है।

ध्यान दें कि लौंग पायरिया में जमा हुए Plaque(प्लाक) को हटा नहीं सकती है। यह केवल कुछ हद तक ही कारगर है। ध्यान रखें कि इसका अत्यधिक सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है।

2.नीबू का प्रयोग

नीबू का प्रयोग पायरिया के लिए असरदार है। नीबू में विटामिन सी, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पायरिया के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

3.काली मिर्च

काली मिर्च के सेवन से पायरिया को पूर्ण रूप से ख़त्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके प्रयोग से पायरिया में लाभ देखने को मिलता है और यह दर्द को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका सेवन आप बारीक़ चूर्ण बनाकर अपने मुख में रख सकते हैं, जिससे इसका असर धीरे-धीरे फैलता है और पायरिया को ठीक करने में मदद करता है।

4.नीम की पत्ती

नीम की पत्ती में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बक्टेरिया को मारने का काम करते हैं। प्रतिदिन आप 5 से 6 पत्तियों का सेवन कर सकते हैं, जिससे इसका लाभ धीरे-धीरे देखने को मिलता है। इसके साथ ही आप नीम की दातुन कर सकते हैं।

इससे जमा कठोर पदार्थ प्लाक (plaque) भी निकलता है और आपके मुख की बदबू भी कम होने लगती है। लेकिन ध्यान दें, शुरुआती दिनों में आपको लगेगा कि आपके दांत हिल रहे हैं, लेकिन चिंता न करें, यह ठीक हो जाएगा।

5.दालचीनी का प्रयोग

दालचीनी की छाल के 4 से 5 टुकड़े लें और उन्हें पानी में लगभग आधे घंटे तक उबालें। इस पानी से गरारे करें। ऐसा करने से पायरिया कम होता है।

इन सभी के अलावा, आप सरसों और अरंडी के तेल से अपने मसूड़ों की मालिश कर सकते हैं। आप अनार का सेवन भी कर सकते हैं, जो पायरिया को ठीक करने में काफी मददगार होता है।

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पायरिया होने के कारण

पायरिया होने के पीछे विभिन्न कारण होते हैं, जो नीचे दिए गए हैं:

  • आप अपने दातों का ख्याल नहीं रखते।
  • यदि आप बहुत ज्यादा हार्ड ब्रश करते हैं, तो भी पायरिया हो सकता है।
  • यदि आपके शरीर में विटामिन C, विटामिन D और मिनरल्स की कमी है, तो भी आपको पायरिया हो सकता है।
  • यदि पायरिया आपके पापा या मम्मी को है, तो जेनेटिकली भी यह आपको हो सकता है।
  • यदि आप कार्डियक दवाओं का सेवन करते हैं, तो भी आपको पायरिया हो सकता है।
  • यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो भी आपको पायरिया हो सकता है।
पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज

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FAQ – पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज

Q1.पायरिया को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?

पायरिया को जड़ से खत्म करने के लिए आप आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।

Q2.किसकी कमी से पायरिया रोग हो जाता है?

विटामिन C, विटामिन D और मिनरल्स की कमी से पायरिया हो सकता है।

Q3.पायरिया कब होता है?

जब आप अपने दांतों की सफाई अच्छी तरह से नहीं करते हैं तो पायरिया होने की संभावना बनी रहती है।

अस्वीकरण: हमारी सामग्री केवल सूचना और शिक्षा के लिए है। यह किसी भी चिकित्सा सलाह या उपचार का विकल्प नहीं है। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोई निर्णय लें।

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